एक समय की बात है, एक जंगल में हायना नामक एक सियार रहता था। वह बहुत आलसी और कामचोर था। उसे शिकार करने में भी आलस आता था, और मेहनत करने से हमेशा बचता था। वह अक्सर सोचता था, “मैं शेर की तरह जंगल का राजा कैसे बन सकता हूँ, जिससे सभी जानवर मेरे पास आकर मुझे सलाह दें?” लेकिन कोई तरीका उसे सूझता नहीं था।
एक दिन, शिकार की तलाश में वह जंगल से भटककर एक गाँव में पहुँच गया। यहाँ वह दिनभर गाँव के लोगों से डरकर एक हौदे में छिपा रहा। जैसे ही रात हुई, वह गाँव से लौटकर जंगल की ओर चला आया, लेकिन उसका शरीर नीला हो चुका था क्योंकि वह जिस हौदे में बैठा था, उसमें घर की पेंटिंग के लिए रंग भरा गया था। इस कारण उसका रूप देखकर सभी जानवर डरने लगे।
सियार ने तुरंत मौके का फायदा उठाया और कहा, “डरो मत, मैं भगवान का भेजा हुआ हूँ, जो तुम सबकी रक्षा करने आया हूँ।” उसकी बातों से सभी जानवर उसे अपना देवता मानने लगे। सियार अब जंगल में हर दिन दरबार लगाने लगा। वह बहुत खुश था क्योंकि उसे वह सम्मान और आदर मिल रहा था, जिसकी वह कल्पना करता था।
एक दिन शेर ने उसे कहा, “तुम हमारे देवता हो, तो हमें अपना गीत सुनाओ।” सभी जानवर शेर की बात से सहमत हो गए। जैसे ही सियार ने गाना गाने की कोशिश की और “हुआ-हुआ” बोला, उसकी असलियत सामने आ गई। सभी जानवर समझ गए कि वह कोई देवता नहीं, बल्कि एक साधारण सियार है, जो उनकी मूर्खता का फायदा उठा रहा था। शेर और बाकी जानवर उसे पकड़कर मार डाले।
ज्यादा होशियारी और छल-प्रपंच हमेशा नहीं चल सकते। सच्चाई एक न एक दिन सामने आती ही है। किसी को भी मूर्ख समझना सबसे बड़ी भूल है, क्योंकि हर किसी के अंदर कुछ अच्छाई जरूर होती है।
कुछ और मज़ेदार कहानियों के लिए यहाँ क्लिक करें