Skip to content
EDUCATIONAL STUFFS
EDUCATIONAL STUFFS

An Ocean of Information

  • Home
  • SSC
    • SSC CGL
    • SSC CHSL
    • SSC JE
  • DIPLOMA
    • Engineering Drawing
    • Elements of Workshop Technology
    • Operations Management
    • Applied Mehanics
    • Strength of Materials
    • Materials Science
  • UPSC
    • Geography
  • Previous Year Papers
    • DSSSB
      • MOCK TEST
      • PAPERS
    • KENDRIYA VIDYALAYA
      • PRACTICE SETS
    • CTET
      • Assessment
      • Debates
      • Development
      • Disability
      • Emotional
      • Gender
      • Gifted
      • Inclusive
      • Intelligence
      • Kohlberg
      • Language
      • Motivation
      • Piaget
      • Socialization
      • Thinking
      • Vygotsky
  • MISCELLANEOUS
    • Road Safety
    • Multiple Choice Questions (MCQs)
      • Electrician
      • Fitter
      • Mechanic Diesel
      • Employability Skills
      • Welder
      • Workshop Calculation & Science
  • STORIES
  • About US
  • Contact Us
EDUCATIONAL STUFFS

An Ocean of Information

September 5, 2025June 15, 2025

झूठे भरोसे की सज़ा

 

 

एक समय की बात है, एक घने जंगल में एक लोमड़ी रहती थी। वह कई दिनों से भूखी थी। शिकार नहीं मिला तो उसकी हालत बेहद खराब हो गई। शरीर कमजोर हो गया था और आँखों के आगे अंधेरा सा छाने लगा था। भूख के मारे उसकी चाल धीमी हो गई थी और पेट की आग बुझाने के लिए वह इधर-उधर भटक रही थी।

इतने में उसे प्यास भी सताने लगी, तो उसने सोचा कि पहले नदी से जाकर पानी पी लिया जाए। वह नदी के किनारे पहुँची और धीरे-धीरे पानी पीने लगी। तभी उसकी नजर नदी में खड़े एक बगुले पर पड़ी। बगुला शांति से पानी में अपनी चोंच डालकर मछली पकड़ने की कोशिश कर रहा था।

लोमड़ी की आंखों में चमक आ गई और मुँह से लार टपकने लगी। उसे बगुला अब सिर्फ एक शिकार नजर आ रहा था। लेकिन वह जानती थी कि सीधे हमला करने से बगुला उड़ सकता है, इसलिए उसने एक चाल चली।

लोमड़ी पास में पड़े एक पतले लकड़ी के टुकड़े को अपने गले में डालती है और फिर दर्द भरे स्वर में बगुले के पास जाती है। वह करुणा से भरकर कहती है, “बगुला भाई, कृपा करो। मेरे गले में हड्डी अटक गई है और मैं बहुत दर्द में हूँ। तुम तो इतने नेक और मददगार हो, अपनी लंबी चोंच से अगर मेरा गला साफ कर दो, तो मैं जीवनभर तुम्हारी आभारी रहूँगी।”

बगुला पहले थोड़ा झिझका और बोला, “तुम तो शिकारी हो। क्या भरोसा कि मेरी गर्दन मुँह में डालने पर तुम मुझे खा न जाओ?”

लोमड़ी ने आँसू बहाते हुए कहा, “नहीं नहीं! मैं तुम्हें अपना सच्चा मित्र मानती हूँ। ऐसा अन्याय मैं कभी नहीं कर सकती। मेरी हालत देखो, मैं तो वैसे ही मरने के कगार पर हूँ।”

बगुला दया में आ गया और लोमड़ी की बातों में फँस गया। उसने अपनी लंबी चोंच लोमड़ी के मुँह में डाली और लकड़ी के टुकड़े को बाहर निकालने की कोशिश की।

जैसे ही बगुले की गर्दन लोमड़ी के मुँह में पूरी तरह घुसी, लोमड़ी ने अपनी चाल दिखा दी। उसने बगुले को जोर से पकड़ा, दबोचा और उसे वहीं मार डाला। फिर बड़ी चतुराई से बगुले को खा गई।

 

नैतिक सीख:

अजनबी पर बिना सोचे-समझे भरोसा करना खतरनाक हो सकता है। चालाक और स्वार्थी लोग मासूमियत का फायदा उठा सकते हैं।

 

संबंधित वीडियो:

 

कुछ और मज़ेदार कहानियों के लिए यहाँ क्लिक करें

STORIES AnimalFableAnimalMoralStoryBewareOfTheCunningChildrenStorytimeClassicFableCleverAnimalStoriesCunningFoxDeceptionStoryDeceptiveFriendshipDoNotTrustEasilyFableWithMoralFolkTalesIndiaFoolishKindnessFoxAndCraneFoxTrickInnocentCraneJungleStoryLessonInTrustMoralOfTheStoryMoralTalesStoryForKidsStoryWithLessonTaleOfBetrayalTrustBrokenTrustWiselyकहानी_से_सीखकिस्से_कहानियाँकृपा_का_दुरुपयोगचतुराई_का_नुकसानचालाक_लोमड़ीजंगल_की_कहानीदिखावे_का_दोस्तदिमाग_का_प्रयोगदोस्ती_का_धोखाधोखा_मत_खाओनीतिपरक_कहानीपात्र_कहानीप्यारी_कहानीप्रेरणात्मक_कहानीबगुला_की_भूलबाल_कहानीबाल_साहित्यभरोसे_का_धोखाभेड़_की_खाल_में_भेड़ियामासूमियत_पर_वारमूर्खता_की_सजालोमड़ी_की_चाललोमड़ी_की_चालाकीलोमड़ी_बगुलाशिक्षाप्रद_कहानी

Post navigation

Previous post
Next post

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Archives

Categories

Pages

  • About US
  • Contact Us
  • Legal Disclaimer
©2025 EDUCATIONAL STUFFS | WordPress Theme by SuperbThemes